आपको भी यह जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ होगा कि साड़ी पहनने के पीछे भी कोई वैज्ञानिक कारण है। और वो जानने के लिए आप भी उत्सुक होंगे , तो चलिए जानते साड़ी पहनने के पीछे के यह वैज्ञानिक कारण।

बहुत सी महिलाओं का ऐसा का कहना है की, साड़ी पहनने के बाद उन्हें काम करने में और उन्हें साड़ी पहन के चलने में परेशानी होती है। अगर ऐसा है भी तो आपको यह जानना ज़रूरी है की साड़ी पहनने के पीछे भी कुछ वैज्ञानिक कारण है जो महिलाओं के लिए फायदेमंद है।
साड़ी भारत का सबसे पुराना और पारंपरिक पोशाक है, सदियों से महिलाएं साड़ी पहनती आ रही है। साड़ी को सात्विक वस्त्र माना जाता है । साड़ी महिला के सम्मान, आकर्षण और सुंदरता की भावना को उजागर करती है। साड़ी परिधान करना भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। और वैज्ञानिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है , तो आइए जानते है।
जैसे:

१) साड़ी पहनने पर आप जिस तरह पल्लू को बांधते है उसके अनुसार आपके शरीर का तापमान नियंत्रित किया जाता है। और पल्लू के प्लेट्स साड़ी को वायु संचार के लिए अव्वल बनाते है। जैसे माधवी इंद्रगंती इनके अध्ययन से ऐसा पता चला है की, अगर आप साड़ी के पल्लू से अपने हाथ पूरी तरह ढक लेते है तो आपके शरीर में इन्सुलेशन ४७% बढ़ जाएगा। और अगर आपने पल्लू को कंधे पर रखा तो शरीर का इन्सुलेशन कम हो जाएगा।

२) साड़ी हमारी इंद्रियों को स्वस्थ रखती है : ऐसा माना जाता है की जिस तरह साड़ी पहनी जाती है , उससे शरीर से सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है और व्यक्ति का मन, आत्मा और शरीर स्वस्थ और खुश होता है। साड़ी पहनने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

३) साड़ी पहनने के बाद थर्मोस फ्लास्क जैसे शरीर का तापमान बाहरी हवामान के अनुसार नियंत्रित रहता है। जैसे शरीर को सर्दियों में गरम रखना और गर्मियों में शरीर को ठंडा रखना।
४) सूती साड़ी पहनने से यह हमे गर्मियों में गर्मी से, तो ठंड में सर्दियों से बचाती है और इससे किसी भी तरीके से स्किन में जलन नहीं होती है। और तो साड़ी, धूप से निकलने वाली यु.वी. रेडिएशन को हमारे शरीर तक आने से भी रोकती है।

५) साड़ी पहनने पर कमर का जो हिस्सा ढका नहीं रहता है, क्योंकि उस जगह को वास्तु में ब्रह्मस्थान कहते हैं। इस जगह से जीवन शक्ति ऊर्जा प्राप्त होती है। साथ ही साथ ये शरीर को ठंडा रखती हैं.
६) साड़ी कोई भी परिधान कर सकता है: साड़ी इतनी बहुमुखी है , की इसे पहनने वाले हर व्यक्ति पर अच्छी लगती है। आप साड़ी को शरीर के प्रकार, त्वचा के रंग या शरीर की बनावट के बावजूद आप ऐसी साड़ी पहन सकती हैं जो आपके अंदर की सर्वश्रेष्ठता को दर्शाती हो।

७) साड़ी प्राकृतिक रूप देती है: सूती और रेशम जैसे प्राकृतिक कपड़ों से बने कपड़े को पहनना हमारे स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम होता है । हमारी ओर अंदर की ओर बहने वाली ऊर्जाएं हमारे परिधान से होकर गुजरती हैं और फिर हमारे आंतरिक अंगों में प्रवेश करती हैं और प्रभावित करती हैं। एक साड़ी अपने गोलाकार रूप में इन ऊर्जाओं को प्रसारित करती है और हमें नुकसान पहुंचा ने वाली ऊर्जाओं को रोकती है

८) रेशम की साड़ी जब हमारे शरीर से टकराती है, तो इलेक्ट्रिक एनर्जी बनती है जिससे दिमाग पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
९) 6 से 9 मीटर लम्बी साड़ी शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में काफी मदद करती है।

१० ) किसी भी मौसम में पहन सकते है: कोई भी मौसम हो आप साड़ी को पहन सकते है। आप साड़ी को अलग अलग तरीकों से पहन सकते है जा सकती है , आपको अनोखा लुक देगी। साड़ी को किसी भी अवसर , त्यौहार पर पहनना शुभ माना जाता है।
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